तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
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शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥ जन्म जन्म के पाप नसावे ।
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ Shiv chaisa कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।